जाने कब सुबह सुबह वो रिश्ता बन गया,
अनजाना जाने कब अपना बन गया,
हमे एहसास भी ना हुआ ओर कोई,
हमारी सुबह की ज़रूरत बन गया.
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अनजाना जाने कब अपना बन गया,
हमे एहसास भी ना हुआ ओर कोई,
हमारी सुबह की ज़रूरत बन गया.
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