*जिंदगी पल पल ढलती हैं*
*जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है*
*शिकवे कितने भी हो* *हर पल*
*फिर भी हंसते रहना*
*क्योंकि यह जिंदगी जैसी भी* *हो*
*बस एक बार ही मिलती है*
*सुप्रभात*
*राधे राधे जी*
🙏🙏
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*जिंदगी पल पल ढलती हैं*
*जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है*
*शिकवे कितने भी हो* *हर पल*
*फिर भी हंसते रहना*
*क्योंकि यह जिंदगी जैसी भी* *हो*
*बस एक बार ही मिलती है*
*सुप्रभात*
*राधे राधे जी*
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