*उजड़ा उजड़ा सा, हर शहर लगता है,*
*हमें तो ये, कुदरत का कहर लगता है..*
*इंसान ने की, ऐसी भी क्या तरक्की है,*
*कि इंसान को, इंसान से ही डर लगता है...*
🍁 *आपका दिन शुभ और मंगलमय हो* 🍁
🌳 *स्वस्थ रहें*, *मस्त रहें*,🌳
🌹 *मुस्कुराते रहें* 🌹
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*उजड़ा उजड़ा सा, हर शहर लगता है,*
*हमें तो ये, कुदरत का कहर लगता है..*
*इंसान ने की, ऐसी भी क्या तरक्की है,*
*कि इंसान को, इंसान से ही डर लगता है...*
🍁 *आपका दिन शुभ और मंगलमय हो* 🍁
🌳 *स्वस्थ रहें*, *मस्त रहें*,🌳
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