*🖋
*जिंदगी पल -पल ढलती है,*
*जैसे रेत मुठ्ठी से फिसलती है...!*
*शिकवे कितने भी हो हर पल,*
*फ़िर भी हँसते रहना...!!*
*क्योंकि ये जिंदगी जैसी भी है,*
*बस एक बार ही मिलती है...!!!*
*🌞 .सुप्रभात.🌞*
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*जिंदगी पल -पल ढलती है,*
*जैसे रेत मुठ्ठी से फिसलती है...!*
*शिकवे कितने भी हो हर पल,*
*फ़िर भी हँसते रहना...!!*
*क्योंकि ये जिंदगी जैसी भी है,*
*बस एक बार ही मिलती है...!!!*
*🌞 .सुप्रभात.🌞*
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