*नहीं ठहरती मुश्किलें,* *जिंदगी भर जिंदगी में।*
*हर मुश्किल का,*
*एक सुनहरा अंत होता है।*
*क्या हुआ जो,*
*खुशियों की पतझड़ है आज,*
*पतझड़ के मौसम के बाद ही तो,*
*एक सुनहरा बसंत होता है।।*
*स्वस्थ रहें! सुरक्षित रहें! सकारात्मक रहें! घर पर रहें*
🙏 *सुप्रभात* 🙏
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें